मुंगीयेचे मागणे! (ढिंग टांग)

dhing tang
dhing tang

इवलालिया मुंगीयेचे मागणे। होआवे तीळभर शहाणे।
येवढे प्रार्थोनि रावराणें। वांछा कीजे।।

आता ऐका विश्‍वेश्‍वरावो। पतित पामराचा टाहो।
तयाचे कोड पुरवाहो। येकदा काई।।

उद्दंड आणि उतावीळ। सोकाविला कळिकाळ।
सद्‌भावनेला मरगळ। येवोचि नये।।
 
जळो अनिष्टाची पिलावळ । नष्टावो विखाराचे बीळ।
प्रकटो अंतरी घननीळ। हरेकाच्या।।

वंचनेचे होवो पतन। बुभुक्षेचे होआवे दहन।
शुभंकराचे मंगल वहन। पुनश्‍च वाहो।।

जै आम्राचिया डहाळें। मोहोराचे मधुर कळें।
आसमंती परिमळें। धावोनि जाती।।


वांजावीं शुभदेची पैंजणें। वोतावी मांगल्याची रांजणे।
सुज्ञांची मौन समर्पणे। बोलकी होवो ।।

सत्याचा वेष जाला लटिका। वांजो लागला रुकाटका।
जणू मातृत्व दावी त्राटिका। बालकृष्णें।।
आंटो बेगडाची कीरत। प्रतिष्ठापो कांचनाची मूरत।
आपुलकीचा स्त्रोत अनवरत। वाहो येथ।।

आणिकांच्या अंतरीचा ठावो। भूतें जडो जीवभावो।
पैलतीरीचा गावो। ऐलासी येवो।।

ऐसेनि उजळावें दीपमाळें। जयांसी नलगे घृत नव्हाळें ।
जैं अंतरी फूंटती जिव्हाळे। येकायेक।।

निमित्ताचिया अंगी। नाना कळांची विषे अलंगी।।
जै असंगाचिया धृष्ट संगी। विखाचा जन्मू ।।

आंतुल्या अकर्माची खळबळ । कृष्णडोहाचा नरक तळ।
तेथेचि कालियाचे बळ। फुत्कारें डोलते।।


वासना कामनांची तळघरे। तेथ सर्पजाती संचरें।
फुकाची यज्ञे तपाचरे। पृष्ठभागी।।

ऐश्‍या उत्तप्त भवार्णवी। उमटो मंगलाची भैरवी।
जणू कल्पतरुंच्या आरवी। वसंतो आला।।

फिटो अमंगळाचा काळोख। सृजनें उजावी सृष्टीची कोख।
उरावा दशदिशा संतोख। कांठोकांठ।।

निर्मितीचे कडक डोहळें। तेथे लगडती अमृताचे कोहळें।
खळखळा वांहती वोहळे। कडेकपार।।

सांपडो तादात्म्याचा स्वरु। तेणेचि होय अंगिकारु।
आढळो तो विश्‍वंभरु। येकमेका।।

जैं भेदोनि अभेदाचे कवच। लवलवें कोमलांकुर अनिर्वच।
तैसेचि पुनरागमनायच। धावोनि यावे।।

मुंगी म्हणे पंढरीरावो। तुम्ही गा पर्वतप्रावो।
कीटकाचे दानशुभावो। अवधारिजोजी।।

Read latest Marathi news, Watch Live Streaming on Esakal and Maharashtra News. Breaking news from India, Pune, Mumbai. Get the Politics, Entertainment, Sports, Lifestyle, Jobs, and Education updates. And Live taja batmya on Esakal Mobile App. Download the Esakal Marathi news Channel app for Android and IOS.

Related Stories

No stories found.
Esakal Marathi News
www.esakal.com