ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
ॐ नम: शिवाय।
ॐ विष्णवे नम:।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम l l
ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम।
ॐ हं हनुमते नम:।
ॐ ओम को प्रणव मंत्र भी कहते हैं।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।
ॐ दुर्ग दुर्गाय नम:।