आपुलिया बळे। नाही मी बोलत। जिभेची जुर्रत। जन्मजात।। म्हणो कोणी आम्हा। वाचाळांचे वीर। सोडणारे धीर। आम्ही नाही।। निवडोनि आलो। एका इलेक्शनी। आयुष्याची धणी। फिटली गा।। सभा नि भाषणे। दौरे नि मीटिंगा। टांग टिक टिंगा।। केले काही।। जिंकोनी मैदान। मंत्रालयीं आलो। भरोनी पावलो। तिन्ही लोक।। येवढे कर्तृत्व। दाविले का कोणी?। काढितो गा पाणी। लत्तायोगे।। रंजल्या गांजल्या। करितो मदत। शतप्रतिशत। लोकसेवा।। लोकसेवेची गा। मजला गे गोडी। बुडाखाली ऑडी। नैमित्तिक।। स्वच्छ राहुनिया। केले पॉलिटिक्स। व्होटबॅंक फिक्स। आमुची गा।। समाजकार्यात। केली बहु नेकी। पर्मनंट बेकी। राजकाजीं।। आम्ही हो बाजिंदे। धुतले तांदूळ। घ्यावी पायधूळ। भाळावरी।। लटिके न बोलू। नाही केली खा खा। घेऊ आणाभाका। जाहीर हो।। आपुलिया बळे। केले बा पुढार। जिभेची गा धार। झळकली।। बोलतो काहीही। येईल ते मनां। शब्दांचीच लूना। रस्त्यावरी।। रयत भाबडी। त्यासी मानी नेता। करी जो मोठ्या बाता। सर्वकाळ ।। म्हणती महानुभाव। पत्रकारांसंगे। करु नये दंगे। फुकाफुकी।। आजकाल देखा। मीडिया व्यापार। न्यूज नि पीआर। एक झाले।। असो दांडूवाले। किंवा पेनवाले। सर्वां सालेपाले। लावू देवा।। ऐसे असोनिया। काही पत्रकार। करिती प्रहार। अकारण।। पत्रकार कैंचे। जीव पोटावळे। त्यांचा जीव जळे। पाकिटासी।। हळूच की द्यावे। भलेसे पाकीट। खुलते जाकीट। खिशाकडे।। मिळता पाकीट। नाही किटकिट। वृत्त मग नीट। लिहिताती।। ज्याचे गा पाकीट । छान जडभार। त्याची स्तुती फार। छापतात।। म्हणा त्यास वाघ। व्याघ्र वा वाघोबा। तरी खातो बाबा। फाडोनिया। म्हणोनी तयास। म्हणावेच वाघ्या। नुसताच पाग्या। पोसलेला।। रात-बात गेली । गेले इलेक्शन। पायीची वहाण। पायीं बरी।। ंम्हणे ऐश्या। नरांचा जोजारा। पैजारा। करा आता।। |